हिन्दी कहानी
कहानी कहलाती है। फणीश्वरनाथ 'रेणु' की 'तीसरी कसम” ‘ठुमरी, ‘लाल पान की बेगम, 'रसप्रिया' शैलेश मटियानी की
शेर, गीदड़ और मूर्ख गधा : पंचतंत्र की कहानी
(एक) "बंदी!" "क्या है? सोने दो।" "मुक्त होना चाहते हो?" "अभी नहीं, निद्रा खुलने पर, चुप रहो।" "फिर अवसर न मिलेगा।" "बड़ा शीत है, कहीं से एक कंबल डालकर कोई शीत से मुक्त करता।" "आँधी की संभावना है। यही अवसर है। आज मेरे बंधन शिथिल जयशंकर प्रसाद
प्रगतिशील लेखक संघ की स्थापना हुई इसके पश्चात् अनेक कहानी लेखक इससे जुड़े
अल्ला खाँ एक ऐसे गद्यकार थे जिन्होंने “रानी केतकी कहानी" जैस कहानी का सृजन किया लेकिन
राजनैतिक पराधीनता ने निर्धन वर्ग को अपनी कहानियों का विषय बनाया। इन कहानीकारों
के अनके पक्षीय सम्बन्ध और उससे उत्पन्न होने वाली कठिनाइयाँ, शिक्षितों की
रामप्रसाद घिल्डियाल पहाड़ी ने मनोवैज्ञानिक कहानियों के
युग पुरूष ने अपनी कहानियों को विविध शैलियों के माध्यम से साहित्य संसार को सौंपा, इसलिए कहानी
हथेली पर बाल क्यों नहीं उगते? : अकबर बीरबल
कुछ साहित्यधर्मी हिन्दी कहानी का उद्भव स्रोत्र गुणाढ्य की वृहद कथा, कथा सरित सागर, पंचतंत्र कथाएँ, हिंतोपदेश जातक
आये। स्वतंत्रता पश्चात् लिखी गई हिन्दी कहानी में आधुनिक जीवन की विविध समस्याओं
अमृतलाल नागर ने आज के जीवन के आर्थिक संकट, विपन्नता, - पारिवारिक सम्बन्धों का तनाव आदि विषयों को अपनी कहानियों
है। क्योंकि आज का कहानीकार कहानी की घटना को मानव के यथार्थ जीवन से जोड़ता कहानी